प्राचीन इतिहास में महत्त्वपूर्ण घटनाओं और सभ्यताओं के बारे में रोचक एक-लाइन ज्ञान। (one liner ancient history gk in hindi)
1.इतिहास का पिता कहा जाता है → हेरोडोट्स को
2.पहिया का आविष्कार → नवपाषाण काल
3.आग का आविष्कार → पुरापाषाण काल में
4.पशुपालन का प्रारंभ → मध्य पाषाण काल में
5.भीमबेटका प्रसिद्ध है → गुफा शैल चित्रों हेतु
6.भीमबेटका है → रायसेन जिला, मध्य प्रदेश में
7.विश्व का सबसे प्राचीन/प्रथम अभिलेख है → बोगाजकोई अभिलेख (एशिया माइनर में)
8.मानव ने सर्वप्रथम प्रयोग किया → ताँबा धातु
9.सबसे पहले पालतू बनाया गया → कुत्ता को
10. सिंधु सभ्यता का काल → 2500-1750 ई० पू०
11.सिंधु घाटी सभ्यता थी → आद्य ऐतिहासिक
12.सिंधु सभ्यता प्रसिद्ध थी → नगर नियोजन हेतु
13.सिंधु सभ्यता की लिपि थी → भाव-चित्रात्मक
14.सिंधु सभ्यता के लोगों का व्यवसाय → कृषि
15.सिंधुवासीयों का मुख्य फसल → जौ और गेहूँ
16.सिंधु सभ्यता का पूर्वी पुरास्थल है → आलमगीरपुर (मेरठ, उतर प्रदेश)
17.सिंधु सभ्यता का पश्चिमी पुरास्थल है → सुतकागेंडोर (बलुचिस्तान )
18.सिंधु सभ्यता का उत्तरी पुरास्थल → मांडा (अखनूर, जम्मू-कश्मीर)
19.सिंधु सभ्यता का दक्षिणी पुरास्थल → दाइमाबाद (अहमदनगर, महाराष्ट्र)
20.सिंधु सभ्यता थी → नगरीय सभ्यता
21.सिंधु सभ्यता का विस्तार था → त्रिभुजाकार
22.सिंधु सभ्यता का प्रमुख बंदरगाह → लोथल
23.सिंधु सभ्यता का वृहद स्थल → मोहनजोदड़ो
24.भारत में हड़प्पा का वृहद् स्थल → राखीगढ़ी
25.सिंधु सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत है → मोहनजोदड़ो (खोज-1922) से प्राप्त → अन्नागार
26.मोहनजोदड़ो की खोज → रखालदास बनर्जी
27.मोहनजोदड़ो का अर्थ है → मृतकों का टीला
28.नर्तकी की कांस्य मूर्ति मिली → मोहनजोदड़ो से
29.मोहनजोदड़ो स्थित है → पाकिस्तान में
30.मोहनजोदड़ो से प्राप्त स्मारक → वृहत स्नानागार
31.सिंधुवासी पूजा करते थे → पशुपति की
32.हड़प्पा/सिंधु सभ्यता के बारे में सबसे पहले जानकारी दी → चार्ल्स मैसन ने (1826 में)
33.हड़प्पा स्थित है → रावी नदी के तट पर
34.हड़प्पा की खोज → दयाराम साहनी (1921 में)
35.हड़प्पा की सभ्यता थी → कांस्ययुगीन
36.हड़प्पाई समाज था → मातृसत्तात्मक
37.स्वास्तिक चिन्ह देन है → हड़प्पा सभ्यता की
38.R-37 कब्रिस्तान मिला है → हड़प्पा से
39.हड़प्पा के लोग अनभिज्ञ थे → लोहा से
40.मिट्टी के बर्तन पर प्रयुक्त रंग → लाल
41.मिश्र के राजा कहलाते थे → फराओ
42.चावल के साक्ष्य → लोथल एवं रंगपुर से
43.जूते हुए खेत के साक्ष्य → कालीबंगा से
44.कालीबंगा का अर्थ है → काले रंग की चूड़ियाँ
45.मेसोपोटामिया (आधुनिक नाम-इराक) का अर्थ है → दो नदियों की बीच की भूमि
46.वैदिक सभ्यता का काल → 1500-600 ई.पू.
47.आर्यों की जानकारी मिलती है – ऋग्वेद से
48.वैदिक काल में किस जानवर को ‘अघन्या’ (न मारे जाने योग्य) माना गया → गाय को
49.ऋग्वैदिक काल में आजीवन अविवाहित रहने वाली महिलाओं को कहा जाता था → अमाजू
50.आर्यों भारत आये → 1500 ई. पू. से पहले
51.आर्य पहले बसे → पंजाब एवं आफगानिस्तान
52.आर्यों का मूल निवास स्थान → मध्य एशिया
53.आर्यों का मुख्य व्यवसाय → पशुपालन व कृषि
54.आर्यों की भाषा/पेयपदार्थ थी → संस्कृत/सोमरस
55.आर्यों का प्रिय पशु/देवता थे → घोड़ा/इंद्र
56.आर्यों का समाज था → पितृप्रधान
57.वेदों व वेदांगों की संख्या → क्रमशः 4 एवं 6
58.सबसे प्राचीन वेद → ऋग्वेद (सूक्त-1028)
59.ऋग्वेद के संकलनकर्ता → कृष्ण द्वौपायन वेदव्यास
60.ऋग्वेद ऋचाओं को पढ़ने वाले ऋषि → होतृ
61.ऋग्वेद में सर्वाधिक बार वर्णित नदी → सिंधु
62.ऋग्वेद में वर्णित सबसे पवित्र नदी → सरस्वती
63.ऋग्वेद में गंगा/यमुना का उल्लेख → 1/3 बार
64.ऋग्वेद में वर्णित प्रमुख देवता → इन्द्र (पुरंदर)
65.’गायत्री मंत्र’ है → ऋग्वेद के तीसरे मंडल में
66.’गायत्री मंत्र’ के रचनाकार → विश्वामित्र
67.गायत्री मंत्र समर्पित है → सूर्य देवता सावित्री को
68.8वें मंडल की ऋचाएँ कहलाती है → खिल
69.’सोम देवता’ को समर्पित मंडल है → नौवाँ
70.ऋग्वेद में सबसे बाद निर्मित मंडल → 10वाँ
71.’गोत्र’ शब्द की उत्पति → उत्तर वैदिक काल में
72.उत्तर वैदिक काल के प्रमुख देवता → प्रजापति
73.गद्य एवं पद्य वाला वेद है → यजुर्वेद
74.’यज्ञ’ संबंधि विधि-विधान है → यजुर्वेद में
75.तंत्र-मंत्र संग्रहीत वेद है → अथर्ववेद
76.भारतीय संगीत का जनक है → सामवेद
77.’ऐतरेय ब्राह्मण’ संबंधित है → ऋग्वेद से
78.’पंचवीश ब्राह्मण’ संबंधित है → सामवेद से
79.’गोपथ ब्राह्मण’ संबंधित है → अथर्ववेद से
80.’शतपथ ब्राह्मण’ संबंधित है → यजुर्वेद से
81.पुराणों (कुल संख्या-18) का अध्ययन करने वाला प्रथम मूसलमान → अलबरूनी
82.पुराणों के संकलनकर्ता → लोमहर्ष एवं उग्रश्रवा
83.सबसे प्राचीन पुराण है → मत्स्य पुराण
84.मौर्य वंश की जानकारी → विष्णु पुराण से
85.सातवाहन वंश की जानकारी → मत्स्य पुराण से
86.गुप्त वंश की जानकारी → वायु पुराण से
87.उपनिषद् विषय वस्तु है → दर्शन का
88.दर्शनों में सर्वाधिक प्राचीन → सांख्य दर्शन
89.न्याय/सांख्य दर्शन के प्रवर्त्तक → गौतम/कपिल
90.योग/मीमांसा दर्शन के प्रवर्त्तक → पतंजलि/जैमिनी
91.ब्राह्मण ग्रंथ संबंधित है → कर्मकांड से
92.उपनिषदों की संख्या → 108 (प्रमाणिक-13)
93.’सत्यमेव जयते’ लिया गया → मुण्डकोपनिषद् से
94.’तमसो मा ज्यातिर्गमय’ तथा ‘ ओउम्’ लिया गया है → वृहदारण्यक उपनिषद से
95.स्मृति ग्रंथों में सबसे प्राचीन है → मनुस्मृति
96.प्राचीन हिन्दू विधि (मनुस्मृति) के लेखक → मनु
97.रामायण के रचयिता → महर्षि वाल्मिकी
98.रामचरित मानस की रचना → तुलसीदास ने
99.भारत का सबसे बड़ा महाकाव्य → महाभारत
100.महाभारत के रचयिता → महर्षि वेदव्यास
101.महाभारत का अन्य नाम है → जय संहिता
102.महाभारत का फारसी अनुवाद ‘रज्मनामा’ नाम से किया था → बदायूंनी ने 16वीं सदी में
103.रामायण का फारसी में अनुवाद → बदायूंनी ने
104.बुद्ध जन्मे थे → लुम्बनी में (563 ई०पू०)
105.बुद्ध के जन्म का प्रतीक → कमल एवं सांड
106.बुद्ध की मृत्यू → कुशीनगर में (483 ई०पू०)
107.बुद्ध की मृत्यु की घटना है → महापरिनिर्वाण
108.बुद्ध के पिता → शुद्धोधन (शाक्य कुल)
109.बुद्ध की माता → महामाया देवी (कोलिय वंश)
110.बुद्ध का अन्य नाम था → सिद्धार्थ तथागत
111.बुद्ध के प्रथम गुरू थे → अलारकलाम
112.बुद्ध के प्रिय घोड़ा/सारथी → कंथक/चन्ना
113.बुद्ध के गृहत्याग की घटना → महाभिनिष्क्रमण
114.बुद्ध के गृहत्याग का प्रतीक → घोड़ा
115.बुद्ध का प्रथम प्रवचन कहलाया → धर्मचक्रप्रवर्तन
116.बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ती हुई → बोध गया में निरंजना तदी के तट पर पीपल वृक्ष के नीचे
117.बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया → सारनाथ में
118.बुद्ध ने उपदेश दिया था → पाली भाषा में
119.बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश दिए → श्रावस्ती में
120.बौद्ध ग्रंथों में सबसे प्राचीन ग्रंथ → त्रिपिटक
121.त्रिपिटक ग्रंथ है → बुद्ध के उपदेशों का संग्रह
122.बौद्ध धर्म के त्रिरत्न है → बुद्ध, धम्म और संघ
123.बौद्ध धर्म ग्रहण करने वाली प्रथम महिला → गौतमी
124.’बुद्धचरित’ की रचना → अश्वघोष ने
125.प्रथम बौद्ध संगीति 483 ई०पू० हुआ था → आजातशत्रु के शासनकाल में (राजगृह में)
126.द्वितीय बौद्ध संगीति 383 ई०पू० हुआ था → कालाशोक के शासनकाल में (वैशाली में)
127.तृतीय बौद्ध संगीति 250 ई०पू० हुआ था → अशोक के शासनकाल में (पाटलिपुत्र में)
128.चतुर्थ बौद्ध संगीति (ई. की प्रथम शताब्दी) → कनिष्क के समय, कुण्डलवन (कश्मीर) में
129.प्रथम बौद्ध संगीति के अध्यक्ष → महाकश्यप
130.द्वितीय बौद्ध संगीति के अध्यक्ष → सबाकामी
131.तृतीय बौद्ध संगीति के अध्यक्ष → मोगलिपुत्र तिस्स
132.चतुर्थ बौद्ध संगीति के अध्यक्ष → वसुमित्र
133.बुद्ध के पूर्वजन्म पर आधारित कथा → जातक
134.बौद्धों का पवित्र ग्रंथ → जातक
135.बौद्ध धर्म का पूजा स्थल है → चैत्य मंडप
136.’एशिया का ज्योति पुंज’ कहा गया → बुद्ध को
137.जैन धर्म के संस्थापक एवं प्रथम तीर्थंकर थे → ऋषभदेव (अन्य नाम ‘आदिनाथ’)
138.जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक → महावीर
139.जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर थे → अरिष्टनेमी
140.जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर थे → पार्श्वनाथ
141.पार्श्वनाथ को ज्ञान की प्राप्ती → समेध पर्वत पर
142.पार्श्वनाथ की चार शिक्षाएँ है → सत्य, अहिंसा, अस्तेय एवं अपरिग्रह
143.पाँचवा महाव्रत ‘ब्रह्मचर्य’ जोड़ा → महाबीर ने
144.जैन धर्म के अंतिम (24वाँ) तीर्थंकर → महावीर
145.महावीर (पत्नी-यशोदा) का जन्म हुआ था → कुंडग्राम (वैशाली, 599 ई० पू०) में
146.महावीर की मृत्यू → पावापुरी में (468 ई०पू०)
147.महावीर के बचपन का नाम → वर्द्धमान
148.महावीर किस राजघराने में पैदा हुए → क्षत्रीय
149.महावीर के पिता → सिद्धार्थ (ज्ञातृक कुल)
150.महावीर के माता → त्रिशला (लिच्छवी गणराज्य)
151.महावीर के पुत्री का नाम → अनोज्जा/प्रियदर्शनी
152.महावीर स्वामी को ज्ञान की प्राप्ती हुई थी → जाम्भिक ग्राम में ऋजुपालिका नदी के तट पर शाल वृक्ष के नीचे
153.जैन धर्म में पूर्ण ज्ञान के लिए शब्द → कैवल्य
154.महावीर ने प्रथम उपदेश दिया → राजगृह में
155.प्रथम शिष्य/अनुयायी था → जमाली (दामाद)
156.महावीर और बुद्ध दोनों ने उपदेश दिया था → मगध नरेश बिम्बिसार के शासनकाल में
157.जैनधर्म के त्रिरत्न है → सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरण
158.जैनधर्म के दो सम्प्रदाय → श्वेताम्बर व दिगम्बर
159.श्वेताम्बर सम्प्रदाय के संस्थापक → स्थूलभद्र
160.दिगम्बर सम्प्रदाय के संस्थापक → भद्रबाहु
161.जैन तीर्थंकर की जीवनी का उल्लेख → कल्पसूत्र
162.’कल्पसूत्र’ की रचना की थी → भद्रबाहु ने
163.जैन साहित्य को कहा जाता है → आगम
164.प्रथम जैनसभा (300 ई०पू०) हुई थी → पाटलिपुत्र में, स्थूलभद्र की अध्यक्षता में
165.दूसरी जैनसभा (512 ई०) हुई थी → वल्लभी में, देवर्धि क्षमाश्रवण की अध्यक्षता में
166.आजीवक पंथ का प्रवर्तक → मक्खली गोशाल
167.भागवत/वैष्णव धर्म के प्रवर्तक थे → कृष्ण
168.’श्रीमद्भागवत्गीता’ लिखी गई → संस्कृत में
169.भक्ति आन्दोलन का प्रारंभ अल्वर संतों ने
170.सूफी धर्म आन्दोलन का विकास → १वीं सदी में
171.इस्लाम धर्म के संस्थापक → हजरत मुहम्मद साहब (जन्म – 570 ई० में मक्का में)
172.हजरत मुहम्मद साहब को ज्ञान की प्राप्ती हुई → 610 ई. में हीरा नामक गुफा में
173.हिजरी संवत् की शुरूआत हुई → 622 ई. में
174.मुहम्मद साहब की मृत्यु → 632 ई०, मदीना में (उनके उत्तराधिकारी कहलाये-खलीफा)
175.इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ → कुरान
176.ईसाई धर्म के संस्थापक → ईसा मसीह
177.ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रंथ → बाइबिल
178.ईसा मसीह का जन्म → 4 ई. पू. (बेथलेहम में)
179.ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया → 33 ई. में, रोमन गवर्नर पोंटियस द्वारा
180.पारसी धर्म के संस्थापक → पैगम्बर जरथुस्ट
181.पारसियों का धार्मिक ग्रंथ है → जेंद अवेस्ता
182.16 महाजनपदों की सूची मिलती है → बौद्ध ग्रंथ
183.’अंगुत्तरनिकाय’ एवं जैन ग्रंथ → ‘भगवती सूत्र’
184.अवन्ति/अंग की राजधानी → उज्जैन/चंपा
185.कोशल/मल्ल की राजधानी → श्रावस्ती/कुशीनारा
186.वत्स/शूरसेन की राजधानी → कौशाम्बी/मथुरा
187.वज्जि/गांधार राजधानी → वैशाली/तक्षशिला
188.मगध के सबसे प्रचीन वंश का संस्थापक → वृहद्रथ (वास्तविक संस्थापक → बिंबिसार)
189.मगध की प्रथम राजधानी → गिरिव्रज (राजगृह)
190.हर्यक वंश का संस्थापक था → बिम्बिसार
191.बिम्बिसार की हत्या → आजातशत्रु ने
192.अजातशत्रु/कुणिक की हत्या → उदायिन ने
193.पाटलिपुत्र की स्थापना की थी → उदायिन ने
194.पाटलिपुत्र बसा है → गंगा-सोन के संगम पर
195.हर्यक वंश का अंतिम राजा → नागदशक
196.शिशुनाग वंश का संस्थापक था → शिशुनाग
197.नन्द वंश का संस्थापक था → महापद्मनंद
198.नंद वंश का अंतिम शासक था → धनानंद
199.’अष्टाध्यायी’ प्रसिद्ध कृति है → पाणिनी की
200.भारत पर प्रथम आक्रमण किया → ईरानियों ने
201.भारत पर प्रथम सफल आक्रमण किया → डेरियस प्रथम या दारा प्रथम ने 516 ई.पू.
202.भारत पर आक्रमण करने वाला पहला यूनानी शासक था → सिकन्दर (326 ई० पू०)
203.सिकंदर (पिता-फिलीप) का जन्म → 356 ई. पू.
204.धनानंद समकालीन था → सिकंदर के
205.सिकन्दर की मृत्यु → 323 ई.पू. (बेबीलोन में)
206.सेल्यूकस निकेटर था → सिकन्दर का सेनापति
207.सिकन्दर (गुरू-अरस्तु) का घोड़ा → बुकाफेला
208.सिकन्दर और पोरस के बीच का युद्ध कहलाता है → हाइडेस्पीज या झेलम/वितस्ता का युद्ध
209.मौर्य वंश का संस्थापक → चन्द्रगुप्त मौर्य
210.मौर्य वंश की प्रचलित मुद्रा थी → पण
211.सुदर्शन झील का निर्माण → चन्द्रगुप्त मौर्य ने
212.चन्द्रगुप्त ने जैन धर्म की दीक्षा → भद्रबाहु से
213.चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरू एवं महामंत्री → चाणक्य
214.चाणक्य के अन्य नाम → विष्णुगुप्त/कौटिल्य
215.कौटिल्य रचित ‘अर्थशास्त्र’ की पुस्तक संबंधित है → राजनीति से
216.भारत का मैकयावेली कहा गया → चाणक्य को
217.’मुद्राराक्षस’ नाटक के रचयिता → विशाखदत्त
218.चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आने वाला प्रसिद्ध यूनानी था → मेगास्थनीज (पुस्तक-इंडिका)
219.मेगास्थनीज था → सेल्यूकस निकेटर का राजदूत
220.सेल्यूकस को पराजित किया था → चंद्रगुप्त मौर्य ने 305 ई. पू.
221.चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु हुई → 298 ईसा पूर्व श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में उपवास द्वारा
222.श्रवणबेलगोला में गोमतेश्वर की विशाल प्रतिमा को बनवाया था → चामुंडराय (983 ई.) ने
223.चन्द्रगुप्त मौर्य का पुत्र/उत्तराधिकारी → बिन्दुसार
224.अमित्रघात के रूप में प्रसिद्ध था → बिन्दुसार
225.डाइमेकस भारत आया → बिन्दुसार के समय
226.बिन्दुसार अनुयायी था → आजीवक संप्रदाय का
227.बिन्दुसार का पुत्र/उत्तराधिकारी → अशोक
228.अशोक मगध की गद्दी पर बैठा → 269 ई०पू०
229.अशोक ने ‘धम्म’ स्वीकार किया था → कलिंग युद्ध (261 ई० पू०) के बाद
230.अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए श्रीलंका भेजा था → पुत्र महेन्द्र एवं पुत्री संघमित्रा को
231.शिलालेख का प्रचलन प्रारंभ किया → अशोक ने
232.शिलालेख में प्रयुक्त भाषा थी → प्राकृत
233.खरोष्ठी लिपि लिखी जाती है → दाएँ से बाएँ
234.ब्राह्मी लिपि लिखी जाती है → बाएँ से दाएँ
235.अशोक के शिलालेख (संख्या-14) की खोज सर्वप्रथम किया → टी-फेन्थेलर ने 1750 में
236.अशोक का सबसे लंबा स्तम्भ लेख → सातवाँ
237.अशोक के अभिलेख को सर्वप्रथम पढ़ा था → जेम्स प्रिंसेप ने (1837 ई० में)
238.अशोक का सबसे छोटा स्तम्भ लेख → रूम्मिनदेई
239.अशोक का नाम ‘अशोक’ है → मॉस्की (आंध्र प्रदेश) एवं गुर्जरा (म. प्र.) अभिलेख में
240.अभिलेखों में अशोक को कहा गया → देवनामप्रिय
241.अशोक ने स्वयं को मगध का सम्राट बताया है → भाबू शिलालेख (राजस्थान) में
242.कलिंग युद्ध का वर्णन है → 13 वें शिलालेख में
243.सांची स्तूप (म. प्रदेश) का निर्माण → अशोक ने
244.भरहूत स्तूप है → अशोक कालीन, म. प्रदेश में
245.श्रीनगर की स्थापना किया था → अशोक ने
246.अशोक की मृत्यु हुई थी → 232 ई० पू०
247.मौर्य वंश का अंतिम शासक था → बृहद्रथ
248.शुंग वंश की स्थापना → पुष्यमित्र शुंग ने
249.शुंग शासकों की राजधानी थी → विदिशा
250.पुष्यमित्र शुंग ने अश्वमेघ यज्ञ कराया था → दो
251.’महाभाष्य’ के रचयिता → पतंजलि
252.शुंग वंश का अंतिम शासक था → देवभूति
253.कण्व वंश का संस्थापक → वासुदेव
254.कण्व वंश का अंतिम शासक था → सुशर्मा
255.सातवाहन/आंध्र वंश का संस्थापक → सिमुक
256.सातवाहन वंश (राजधानी-प्रतिष्ठान, महाराष्ट्र) का महानत्तम शासक → गौतमीपुत्र शातकर्णी
257.सीसा का सिक्का चलवाया → सातवाहनों ने
258.ब्राह्मणों को भूमि दान देने की परंपरा की शुरूआत की → सातवाहनों ने
259.सातवाहनों की भाषा/लिपि थी → प्राकृत/ब्राह्मी
260.हाथीगुम्फा शिलालेख उत्कीर्ण कराया था → कलिंग नरेश खारवेल ने
261.भारत पर आक्रमण करने वाले विदेशी थे → हिन्द-यूनानी, शक, पहल्व, कुषाण
262.भारत में सर्वप्रथम सोने के सिक्के जारी किए → हिन्द-यूनानी (इंडो ग्रीक) शासकों ने
263.भारत आने वाला प्रथम यवन → डेमेट्रियस
264.प्रमुख हिन्द-यूनानी शासक था → मिनान्डर
265.मिनान्डर को हराया था → पुष्यमित्र शुंग ने
266.’मिलिन्दपन्हो’ ग्रंथ की रचना → नागसेन ने
267.यूनानियों के बाद भारत आए → शक
268.शकों का सबसे प्रतापी शासक → रूद्रदामन
269.सुदर्शन झील का जीर्णोद्धार → रूद्रदामन ने
270.संस्कृत में जारी पहला अभिलेख – जुनागढ़ या गिरनार अभिलेख (रूद्रदामन द्वारा जारी)
271.कुषाण वंश का संस्थापक → कुजुल कडफिसेस
272.कुषाण वंश का प्रसिद्ध शासक था → कनिष्क
273.कनिष्क की पहली राजधानी थी → पुरूषपुर
274.कनिष्क/कुषाणों की दूसरी राजधानी → मथुरा
275.कनिष्क के दरबारी में थे → नागार्जुन, अश्वघोष, वसुमित्र, चरक (चरक संहिता)
276.आर्युवेद के जनक माना जाता है → चरक को
277.’भारत का आइंस्टीन’ कहते है → नागार्जुन को
278.’शून्यवाद’ के प्रवर्तक थे → नागार्जुन
279.’सिल्क मार्ग’ को आरंभ कराया → कनिष्क ने
280.शक संवत् चलवाया → कनिष्क ने (78 ई. में)
281.राष्ट्रीय कैलेंडर आधारित है → शकसंवत् पर
282.विक्रम संवत् की शुरूआत → 58 ई. पू.
283.बुद्ध की मूर्ति का निर्माण → कुषाण काल में
284.गांधार शैली फली-फूली → कुषाण काल में
285.शुद्ध सोने के सिक्के चलवाएँ → कुषाणों ने
286.प्रचीनत्तम सिक्कें कहलाये → आहत सिक्कें
287.कुषाण वंश का अंतिम शासक था → वासुदेव
288.गुप्त वंश का संस्थापक था → श्री गुप्त
289.गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक → चंद्रगुप्त
290.गुप्त संवत् चलाया → चंद्रगुप्त ने 319 ई. में
291.चंद्रगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी → समुद्रगुप्त
292.सिक्कों पर वीणा बजाते स्थित है → समुद्रगुप्त
293.’भारत का नेपोलियन’ कहलाया → समुद्रगुप्त
294.समुद्रगुप्त का दरबारी कवि था → हरिषेण
295.प्रयाग प्रशस्ति लेख (रचना-हरिषेण) से जानकारी मिलती है → समुद्रगुप्त के संबंध में
296.समुद्रगुप्त का उत्तराधिकारी हुआ → चंद्रगुप्त-॥
297.चन्द्रगुप्त-॥ (विक्रमादित्य) ने दूसरी राजधानी (प्रथम-पाटलिपुत्र) बनाया था → उज्जैन को
298.मेघदूत, कुमारसंभव रचना है → कालिदास की
299.’गीत गोविन्द’ के रचयिता → जयदेव
300.’पंचतंत्र’ के लेखक → विष्णु शर्मा
301.प्रसिद्ध चीनी बौद्ध यात्री फाह्यान आया था → चन्द्रगुप्त द्वितीय के काल में (5वीं शताब्दी)
302.सर्वाधिक स्वर्ण मुद्राएँ जारी → गुप्त काल में
303.चाँदी का सिक्का को सर्वप्रथम चलवाया था → चन्द्रगुप्त ॥ ने शकों पर विजय के उपलक्ष्य में
304.महरौली में स्थित राजाचन्द्र के ‘लौह स्तम्भ’ को बनवाया था → चन्द्रगुप्त द्वितीय ने
305.चंद्रगुप्त द्वितीय का उत्तराधिकारी → कुमारगुप्त
306.नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना → कुमारगुप्त
307.नालंदा विश्वविद्यालय को ध्वस्त किया था → बख्तियार खिलजी (गोरी का सेनापति) ने
308.हूणों को पराजित किया था → स्कन्दगुप्त ने
309.गुप्त वंश का अंतिम शासक था → विष्णुगुप्त
310.गुप्तकाल की राजकीय भाषा थी → संस्कृत
311.गुप्तकाल में भूमि राजस्व दर → उपज का 1/6
312.प्राचीन भारत का ‘स्वर्ण युग’ → गुप्तकाल
313.मंदिर बनाने की कला का जन्म → गुप्तकाल
314.गुप्तकालीन रजत मुद्राएँ कहलाती थी → रूपक
315.गुप्तकालीन स्वर्ण मुद्राएँ कहलाती थी → दिनार
316.पुष्यभूति/वर्द्धन वंश का संस्थापक → पुष्यभूति (वास्तविक संस्थापक-प्रभाकर वर्द्धन)
317.हर्षवर्द्धन (अन्य नाम-शिलादित्य) ने अपनी राजधानी थानेश्वर से स्थापित किया → कन्नौज
318.भूमि देने की सामंती प्रथा का प्रारंभ → हर्षवर्द्धन
319.चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया था → हर्षवर्द्धन के शासनकाल में (606-647 ई० में)
320.ह्वेनसांग द्वारा लिखित पुस्तक है → सी-यू-की
321.यात्रियों में राजकुमार, नीति का पंडित और शाक्य मूनि किसे कहा जाता था → ह्वेनसांग को
322.हर्षवर्धन का दरबारी कवि था → बाणभट्ट
323.हर्षचरित एवं कादम्बरी के रचयिता → बाणभट्ट
324.हर्षवर्धन प्रत्येक पाँच वर्ष बाद धार्मिक सम्मेलन आयोजित करता करता था → प्रयाग में
325.हर्षवर्धन के काल में भू-राजस्व दर था → 1/6
326.पुलकेशिन द्वितीय ने हर्षवर्धन को 634 ई० में पराजित किया था → नर्मदा नदी के तट पर
327.भारत का अंतिम हिन्दु सम्राट था → हर्षवर्धन
328.संगम युग का महान शासक → करिकाल
329.प्रथम एवं तृतीय संगम हुआ था → मदुरई में
330.द्वितीय संगम हुआ → कपाट्पुरम (अलवै) में
331.चोल राज्य का प्रमुख शासक → करिकाल
332.पुरी के ‘जगन्नाथ मंदिर’ (नागर शैली) का निर्माण करवाया था → अनन्तवर्मन चोडगंग ने
333.भुवनेश्वर में ‘लिंगराज मंदिर’ का निर्माण करवाया → सोमवंशी राजा ययाति केसरी ने
334.कोणार्क के सूर्य मंदिर (ब्लैक पैगोडा) को बनवाया → नरसिंह देववर्मन- । ने (13वीं सदी)
335.पाण्ड्य वंश की राजधानी थी → मदुरई
336.पल्लव वंश का संस्थापक था → सिंहविष्णु
337.पल्लवों की राजधानी → कांची (तमिलनाडु)
338.महाबलिपुरम् के रथ मंदिरों (सप्त पैगोडा) का निर्माण → पल्लव शासक नरसिंह वर्मन-। ने
339.काँची के कैलाश मंदिर तथा महाबलिपुरम् के तट मंदिर का निर्माण करवाया → नरसिंहवर्मन-॥
340.पल्लव वंश का अंतिम शासक → अपराजित
341.वातापी के चालुक्य का संस्थापक → जयसिंह
342.वातापी/बादामी के चालुक्य (राजधानी-वातापी) का महान शासक था → पुलकेशिन-॥
343.पुलकेशिन-॥ से संबंधित जानकारी मिलती है → रविकीर्ति के ऐहोल (कर्नाटक) अभिलेख से
344.पुलकेशिन-॥ को हराया → नरसिंह वर्मन । ने
345.वेंगी के चालुक्य का संस्थापक → विषणुवर्धन
346.होयसल वंश का संस्थापक → विषणुवर्धन
347.होयसल वंश की राजधानी थी → द्वारसमुद्र
348.द्वारसमुद्र का अन्य नाम → हलेबिड (कर्नाटक)
349.होयसल वंश अंतिम शासक → बलाल-।।।
350.राष्ट्रकूट वंश का संस्थापक था → दन्तिदुर्ग
351.राष्ट्रकूट वंश की राजधानी थी → मान्यखेट
352.एलोरा व एलिफेंटा का निर्माण → राष्ट्रकूटों ने
353.अजन्ता एवं एलोरा गुफाएँ है → महराष्ट्र में
354.एलोरा के कैलाश मंदिर (द्रविड़ शैली) का निर्माण करवाया → राष्ट्रकूट शासक कृष्ण । ने
355.राष्ट्रकूट वंश का अंतिम शासक → कृष्ण-॥
356.कल्याणी के चालुक्य वंश की स्थापना → तैलप-॥ ने (राजधानी-मान्यखेट)
357.’मिताक्षरा’ की रचना → विज्ञानेश्वर ने
358.चोल वंश का संस्थापक → विजयालय
359.तंजौर/तंजावूर → विजयालय की राजधानी
360.चोल वंश का प्रमुख शासक → राजराज प्रथम
361.तंजौर के वृहदेश्वर (राजराजेश्वर) के शिव मंदिर को बनवाया था → राजराज ने
362.नटराज की कांस्य मूर्तियाँ है → चोल काल की मंदिर निर्माण कला में विमान शैली का प्रचलन हुआ था
363.चोल वंश के शासन में ‘गंगैकोडचोल’ कहा जाता है → राजेन्द्र को
364.चोल वंश का अंतिम शासक → राजेन्द्र-॥
365.पालवंश का संस्थापक → गोपाल
366.पालवंश का प्रतापी शासक → धर्मपाल
367.विक्रमशीला विश्वविद्यालय (भागलपुर) की स्थापना → धर्मपाल (770-810 ई०) ने
368.पालवंश का अंतिम शासक → मदन पाल
369.’हिन्दी’ में अपना अभिलेख उत्कीर्ण करानेवाला प्रथम राजवंश था → सेन वंश
370.सेन वंश का अंतिम शासक → लक्ष्मणसेन
371.बंगाल का अंतिम हिन्दू शासक → लक्ष्मणसेन
372.लक्ष्मणसेन के दरबार के विद्वान थे → जयदेव
373.’गीत गोविन्द‘ की रचना की थी → जयदेव ने
374.हर्ष का दरबारी कवि था → कल्हण
375.’कश्मीर के इतिहास’ के बारे में की जानकारी मिलती है → कल्हण रचित ‘राजतरंगिनी’ से
376.गुर्जर प्रतिहार वंश का संस्थापक → नागभट्ट ।
377.दिल्ली नगर की स्थापना → तोमर अनंगपाल ने
378.1194 ई. के ‘चंदावर के युद्ध’ में जयचंद को मार डाला था → मोहम्मद गोरी ने
379.चौहान वंश का संस्थापक → वासुदेव
380.चौहान वंश का अंतिम शासक → पृथ्वीराज-॥
381.पृथ्वीराज चौहान का राजकवि → चन्दवरदाई
382.’पृथ्वीराजरासो’ रचना है → चन्दवरदाई का
383.पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को हराया था → 1191 ई. में तराईन के प्रथम युद्ध में
384.चंदेल वंश का संस्थापक था → नन्नुक
385.खजूराहो मंदिर का निर्माण → चंदेलों/धंग ने
386.चंदेल वंश का सबसे प्रतापी शासक → यशोवर्मन
387.चंदेल वंश का आखिरी शासक → परमल
388.सोलंकी वंश का संस्थापक → मूलराज प्रथम
389.सोलंकी वंश के प्रमुख शासक → भीम प्रथम
390.महमूद गज़नी ने सामनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था → भीम प्रथम के शासनकाल में
391.दिलवाड़ा के प्रसिद्ध जैन मंदिर को बनवाया → भीम प्रथम के सामंत ‘विमल शाह’ ने
392.सोलंकी वंश का अंतिम शासक → भीम द्वितीय
393.मेवाड़ की राजधानी चितौड़ में ‘विजय स्तंभ’ को बनवाया → राणा कुंभा ने 1448 में
394.महाराणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया था → खातोली के युद्ध में 1518 ई. में
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